Shodashi Secrets

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Shodashi’s mantra encourages self-discipline and mindfulness. By chanting this mantra, devotees cultivate better control in excess of their views and steps, bringing about a far more aware and purposeful method of lifetime. This advantage supports individual growth and self-self-discipline.

कर्तुं श्रीललिताङ्ग-रक्षण-विधिं लावण्य-पूर्णां तनूं

आर्त-त्राण-परायणैररि-कुल-प्रध्वंसिभिः संवृतं

प्राण प्रतिष्ठा में शीशा टूटना – क्या चमत्कार है ? शास्त्र क्या कहता है ?

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥४॥

लक्ष्मीशादि-पदैर्युतेन महता मञ्चेन संशोभितं

वन्दे सर्वेश्वरीं देवीं महाश्रीसिद्धमातृकाम् ॥४॥

यदक्षरमहासूत्रप्रोतमेतज्जगत्त्रयम् ।

The legend of Goddess Tripura Sundari, often called Lalita, is marked by her epic battles against forces of evil, epitomizing the eternal struggle involving very good and evil. Her tales are not merely stories of conquest and also have deep philosophical and mythological significance.

ह्रीङ्काराङ्कित-मन्त्र-राज-निलयं श्रीसर्व-सङ्क्षोभिणी

लक्ष्मी-वाग-गजादिभिः कर-लसत्-पाशासि-घण्टादिभिः

हादिः काद्यर्णतत्त्वा सुरपतिवरदा कामराजप्रदिष्टा ।

इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, more info जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।

Chanting this mantra is considered to invoke the combined energies and blessings with the goddesses linked to each Bija mantra. It can be utilized for many uses including attracting abundance, trying to get information, invoking divine femininity, and fostering spiritual advancement and transformation.

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